किसी स्त्री ने नेवला पाल रखा था| वह नेवले को दूध व लापसी खाने को देती और उसे अच्छी तरह से रखती थी|
एक बार की बात है की स्त्री घर के दरवाजे पर अनाज साफ कर रही थी| उसका नवजात बच्चा अन्दर खाट पर सो रहा था|
इतने में वहाँ एक सर्प आया और खाट के ऊपर चढ़ गया| जब नेवले ने सर्प को खाट पर देखा तो वह क्रोध में आकर उस पर झपटा और उसके टुकड़े टुकड़े कर दिए और इस प्रकार उसने नवजात शिशु के प्राणों की सांप से रक्षा की|
सर्प को मरकर नेवला बहुत खुश हुआ| उसका मुंह खून से सना हुआ था| वह जल्दी जल्दी अपनी मालकिन के पास गया और उसके पैरों में लोटने लगा|
नेवले का खून से सना मुंह देख कर स्त्री ने समझा की अवश्य ही इस दुष्ट ने मेरे बच्चे को खा लिया है| उसने क्रोध में आकर बिना कुछ सोचे अपना मूसल उठा कर नेवले को कुचल कर मार डाला|
बाद में स्त्री दौड़ी दौड़ी जब अपने बच्चे के पास आई तो उसने देखा की बच्चा आराम से सो रहा है और पास में काल सर्प मरा पड़ा है| स्त्री को अपने किये पर बहुत पछतावा हुआ| उत्तेजनावश बिना विचारे कार्य करने से उसने अपना विश्वासपात्र नेवला खो दिया|
एक बार की बात है की स्त्री घर के दरवाजे पर अनाज साफ कर रही थी| उसका नवजात बच्चा अन्दर खाट पर सो रहा था|
इतने में वहाँ एक सर्प आया और खाट के ऊपर चढ़ गया| जब नेवले ने सर्प को खाट पर देखा तो वह क्रोध में आकर उस पर झपटा और उसके टुकड़े टुकड़े कर दिए और इस प्रकार उसने नवजात शिशु के प्राणों की सांप से रक्षा की|
सर्प को मरकर नेवला बहुत खुश हुआ| उसका मुंह खून से सना हुआ था| वह जल्दी जल्दी अपनी मालकिन के पास गया और उसके पैरों में लोटने लगा|
नेवले का खून से सना मुंह देख कर स्त्री ने समझा की अवश्य ही इस दुष्ट ने मेरे बच्चे को खा लिया है| उसने क्रोध में आकर बिना कुछ सोचे अपना मूसल उठा कर नेवले को कुचल कर मार डाला|
बाद में स्त्री दौड़ी दौड़ी जब अपने बच्चे के पास आई तो उसने देखा की बच्चा आराम से सो रहा है और पास में काल सर्प मरा पड़ा है| स्त्री को अपने किये पर बहुत पछतावा हुआ| उत्तेजनावश बिना विचारे कार्य करने से उसने अपना विश्वासपात्र नेवला खो दिया|
No comments:
Post a Comment